मोतीबाई जी का मंदिर - माणक चौक , जोधपुर
मारवाड़ राज्य में रियासतकाल में दान -पुण्य तथा अपने नाम की कीर्ति को चिरस्थायी रखने की भावना से यहाँ के शासको, महारानियो,राजमाताओ के साथ साथ पड़दायतो ,पासवानों, गणिकाओं और नाजिरो ने भी अनेक लोककल्याणकारी निर्माण कार्य करवाए तथा मंदिरो,कुओ,बावड़ियों,जलाशयों का निर्माण करवाया।
जोधपुर नगर के माणक चौक के समीप स्थित है मोतीबाई जी का मंदिर जिसका निर्माण महाराजा बखत सिंह जी की पड़दायत की पुत्री मोतीबाई ने करवाया था। ये मंदिर ठाकुर कन्हैया लाल जी का है। मोतीबाई का विवाह भाटी भवानीसिंह फतेसिंहोत के साथ हुवा था। मोतीबाई को राज्य की तरफ से दस हजार की आय खेतासर गाँव का पट्टा और जोधपुर नगर में पंचोली लाला की हवेली दी गई थी हालांकि खेतासर गाँव का पट्टा बाद खालसा कर लिया गया जिसे बाद में महाराजा मानसिंह जी ने तुंवर बख्तावर सिंह जी को दिया था।
मोतीबाई मंदिर के प्रांगण में ही महाराजा तखत सिंह जी की पटरानी राणावतजी गुलाब कँवर ने मंदिर का निर्माण करवाया किन्तु वो अपूर्ण रह गया।
मंदिर परिसर में जाने के लिए दो पोल बनी हुई है एक मुख्य मंदिर के सामने से तथा दूसरी मंदिर के पीछे तरफ कल्याण सिंह जी की हवेली के सामने। मंदिर ऊँची जगती पर निर्मित है जिसमे सीढ़ियों से ऊपर जाने पर प्रवेश द्वार के आगे खुला आँगन बना हुवा है जिसके दायी तरफ एक पानी का टांका है जिसके ऊपर लगे शिलालेख के अनुसार टाँके का निर्माण पुजारी बद्रीनारायण ने गुलाब सागर का जल अशुद्ध होने के कारण निजी खर्च 2055 रुपियो से टांके का निर्माण करवाया। आँगन के बायीं और तुलसीजी का पौधा रोपित है।
मंदिर सभामंडप तथा शिखर सही सलामत है। मंदिर में गर्भगृह के चारो तरफ अंतर प्रदीक्षणा मार्ग निर्मित है। गर्भ गृह में राधा कृष्ण जी की मूर्ति स्थापित है। वर्तमान में सावन मास के चलते ठाकुर जी के बल गोपाल स्वरुप और अपनी पटरानियों के साथ झूले में पधराये गए है। जिनका स्वरुप अत्यंत मनोहारी है।
शरद व्यास
जोधपुर 09.08.2022
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