जमीन में एक तरफ धंसा हुवा मंदिर
जोधपुर के गुलाब सागर के जगदीश घाट स्थित प्रतापेश्वर महादेव का मंदिर तालाब की तरफ जमीन में धंसा हुवा है जिसे देख कर हर कोई हैरत में रह जाता है।
इस मंदिर का निर्माण मारवाड़ के शासक महाराजा मान सिंह जी (1804
-1843 ईसवी ) की तीसरी रानी भटियाणी प्रताप कुँवरी जी ने करवाया था। रानी साहिबा प्रभु श्री राम की
अनन्य भक्त थी और उच्च कोटि की कवियत्री थी। उन्होंने राम भक्ति से सम्बंधित सैकड़ो
पदों की रचना की थी। 1843 ईसवी में महाराजा के स्वर्गवास के
उपरान्त बखत सिंह जी राजगद्दी पर आसीन हुवे तथा रानी साहिबा प्रताप कुंवरी जिन्हे
राजमाता तीजा माताजी के नाम से पुकारा जाता था पूर्णत ईश्वर आराधना में लीन हो गई।
महाराजा के स्वर्गवास के छह वर्ष उपरान्त आने वाले चंद्र ग्रहण के अवसर पर दान
पुण्य के संकल्प से राज माता तीजा माताज़ी ने गुलाब सागर की पाल पर इस मंदिर का
निर्माण करवाया जिसमे राम दरबार की मुर्तिया जयपुर से मंगवा कर प्रतिष्ठित करवाई
गई। मंदिर की प्रतिष्ठा में नागौर से निरंजनी सम्प्रदाय के महंत मोतीराम को रथ भेज
कर बुलवाया तथा उन्हें ये मंदिर दान किया गया। किन्तु मंदिर थोड़े समय के उपरान्त
ही ये मंदिर तालाब की तरफ धंस गया।अपने संकल्प को खंडित होते देख कर राज माता ने गिरदीकोट के बाहर से कपड़ा बाजार की तरफ जाने वाले मार्ग पर दूसरे भव्य मंदिर का निर्माण करवाया जिसे तीजा माता के मंदिर नाम से जाना जाता है।
गुलाब सागर स्थित श्री राम जी का ये मंदिर अब प्रतापेश्वर महादेव के मंदिर के रूप में परिवर्तित हो गया है। गर्भ गृह में विशालकाय शिवलिंग स्थापित है। मंदिर के सामने एक बावड़ी भी निर्मित है।
शरद व्यास
जोधपुर 07.08.2022
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