Friday, 30 September 2016

नैनसिंह जी के बाग़ में स्थित छत्रिया, बावड़ी और पुराना मंदिर, जोधपुर


चाँद पोल से सूरसागर जाने वाले मार्ग पर दाई और स्थित खेत में है नैन सिंह जी का बाग़ जिसमे एक पुराना मंदिर, टेकरी पर स्थित कुछ खंडित छत्रिया और मंदिर के दायी और नैन सिंह जी की  सुन्दर और कलात्मक छतरी है| छतरी को देख कर लगता है की अवश्य ही नैन सिंह जी मारवाड़ राज्य में उच्च पद पर आसीन कुलीन व्यक्ति रहे होंगे| उनकी छतरी में स्थित शीला लेख का फोटोग्राफ भी मैंने इस पोस्ट के साथ लगाया है यदि आप में से कोई मित्र उसे पढ़ सके तो उनके इतिहास पर प्रकाश पड सकता है| मुझे नैन सिंह जी के बारे में कोई उल्लेख मेरे पास पड़ी जोधपुर के इतिहास की पुस्तकों में नहीं मिला| नैन सिंह जी की छतरी के गुम्बंद के अन्दर बहोत ही सुन्दर नक्काशी की गई है जो की देख रेख के अभाव में जीर्ण शीर्ण हो रही है| छतरी के नीचे की तरफ एक बावड़ी बनी हुई है जिसे आस पास के लोग नहाने के रूप में और पास में स्थित खेत की सिचाई के लिए प्रयोग में लेते है|खेत के अन्दर स्थित होने और तीन चार परिवारों के द्वारा प्रयोग में लेने के कारण ही आज भी ये छतरिया और मंदिर और बावड़ी सुरक्षित है अन्यथा कभी के काल के गाल में समा चुके होते | मुझे सबसे अच्छी बात ये लगी की उन परिवारो के सभी सदस्य जिसमे एक वृद्ध माताजी थी एक सरकारी नौकरी में नियुक्त सज्जन और तीन चार बालक और युवक है सब के सब इस बावड़ी ,मंदिर और छतरियो के संरक्षण के लिए उत्सुक है और वहा जाने वाले को वो बड़े चाव से उनके बारे में बताते है और ये आशा करते है की उन्हें देखने वाला भी उनके संरक्षण के लिए कुछ प्रयास करे | नैन सिंह जी बावड़ी के पास भी अनेक बावडिया तथा अन्य जल स्रोत स्थित है जिनके बारे में आगे चर्चा करेंगे| जय जय

शरद व्यास, ३०-०९-१६, उदयपुर 




















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