चाँद बावड़ी, जोधपुर
जोधपुर के पुराने शहर में गुंदी का मोहल्ला के आगे और रानी सागर और पदम् सागर के नीचे स्थित है चाँद बावड़ी और ये क्षेत्र चाँद बावड़ी के नाम से ही जाना जाता है| चाँद बावड़ी का निर्माण राव चुंडा की सोनगरी रानी चाँद कँवर ने करवाया था| चाँद बावड़ी के आगे मुहता नेणसी की हवेली स्थित है| हालाकि चाँद बावड़ी बहोत छोटी सी बावड़ी है किन्तु रियासत काल में ये भी एक प्रमुख प्रारम्भिक जल स्रोत था और मेहरानगढ़ दुर्ग के बनने के साथ ही इसका भी निर्माण हुवा होगा|
जोधपुर के पुराने शहर में गुंदी का मोहल्ला के आगे और रानी सागर और पदम् सागर के नीचे स्थित है चाँद बावड़ी और ये क्षेत्र चाँद बावड़ी के नाम से ही जाना जाता है| चाँद बावड़ी का निर्माण राव चुंडा की सोनगरी रानी चाँद कँवर ने करवाया था| चाँद बावड़ी के आगे मुहता नेणसी की हवेली स्थित है| हालाकि चाँद बावड़ी बहोत छोटी सी बावड़ी है किन्तु रियासत काल में ये भी एक प्रमुख प्रारम्भिक जल स्रोत था और मेहरानगढ़ दुर्ग के बनने के साथ ही इसका भी निर्माण हुवा होगा|
चाँद बावड़ी के सामने
ही एक प्रसिद्द कुवा है जिसे जेता बेरा कहते है जिसका जल अपने ओषधिय गुणों के कारण
अत्यंत प्रसिद्द रहा है|वर्तमान में चाँद बावड़ी के ऊपर एक मंदिर और वाचनालय
बना हुवा है| वर्तमान बावड़ी साफ़ सफाई के अभाव में अत्यंत गन्दी
हो रही है जिसकी सफाई करवाने से जल की गुणवत्ता पुन सही हो सकती है|
जय जय......शरद व्यास, ३०-०९-१६ उदयपुर
जय जय......शरद व्यास, ३०-०९-१६ उदयपुर
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