प्राचीन संगमेश्वर महादेव मंदिर #भोईखेड़ा #चित्तौड़गढ़
गम्भीरी और बेडच नदियों के संगम स्थल पर स्थित है संगमेश्वर महादेव का मंदिर। अपनी स्थापत्य और वास्तु से ये मंदिर अत्यंत प्राचीन प्रतीत होता है। डॉ श्री कृष्ण जुगनू ने अपनी पुस्तक मेवाड़ का प्रारंभिक इतिहास में इसका वर्णन करते हुवे लिखा है कि "बेडच और गम्भीरी नदी के संगम पर स्थित भोईखेड़ा का पूर्वाभिमुख शिवालय 9वी सदी का है। यधपि जीर्णोद्धार के कारण इसका मौलिक स्वरूप खो गया है किंतु इसमे त्रिरथ गर्भगृह,अंतराल,समतल वितान लिए मंडप की रचना और लतिन शिखर उल्लेखनीय है। इसके गर्भगृह में शिवलिंग के साथ ही चतुर्मुखी विष्णु प्रतिमा है और गणेश शक्ति सहित बाह्यभाग में सप्ताश्व पर सवार सूर्यदेव,गणेश,कल्याण सुंदर जैसी प्रतिमाये है। भोईखेड़ा में अनेक मंदिरो के भग्नावशेष भी विद्यमान है।
मंदिर परिसर में साधुओ की समाधिया बनी हुई है और यत्र तत्र प्राचीन मुर्तिया रखी हुई हैं।मंदिर के दोनों तरफ प्रवाहित होने वाली नदियों की जलधाराये प्रकृति और अध्यात्म का अद्भुत संयोजन उत्पन्न करती है। हाल ही में यह विधायक महोदय द्वारा जीर्णोद्धार कार्य करवाये गए है।
मित्रो अगर आपको चित्तौड़गढ़ में प्रकृति के नैसर्गिक सौंदर्य को देखना है, दो नदियों की धाराओं के संगम से क्या जादू उत्पन्न होता है को देखना है ,प्रकृति और अध्यात्म के संयोजन को देखना है तो एक बार यहां अवश्य आइयेगा। #संगमेश्वरमहादेवमन्दिर #sharadvyas#berach #gambhiri
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