श्रीनिवासन रामानुजम अयंगर का पैतृक आवास - कुम्भकोणम
कुम्भकोणम में श्री सारंगपानी स्वामी मंदिर के एकदम सामने सारंगपानी सन्निधि स्ट्रीट में विश्व के महानतम गणितज्ञ श्रीनिवासन रामानुजम अयंगर का पैतृक आवास स्थित है। अपने तैतीस वर्ष के अल्प जीवन काल (22 दिसंबर 1887 - 26 अप्रैल 1920) अपनी अद्भुत गणितीय बौद्धिक क्षमता का सारे विश्व में लोहा मनवाने वाले श्रीनिवासन रामानुजम अयंगर का प्रारम्भिक जीवन अनेक अभावो तथा कठिनाइयों में व्यतीत हुवा। नमक्कल या नामगिरी की देवी महालक्ष्मी में अगाध श्रद्धा रखने वाले रामानुज का विश्वास था की समस्त गणितीय ज्ञान उन्हें नामगिरी देवी की कृपा से प्राप्त हुवा है। इंफाइनट सीरीज, फ्रैक्शन, नंबर थ्योरी और मैथमेटिकल एनालिसिस में भी श्रीनिवास रामानुजन का अभूतपूर्व योगदान रहा है। आज भी अनेक प्रमेय गणितज्ञों के लिए पहेली बने हुवे है। केम्ब्रिज विष्वविधालय के प्रोफ़ेसर जी एच हार्डी से हुवे संपर्क ने उनकी जीवनधारा को पूरी तरह से बदल दिया था. प्रोफ़ेसर हार्डी ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और केम्ब्रिज विश्विधालय में बुलाने की व्यवस्था की। श्रीनिवासन रामानुजम रॉयल सोसाइटी के सबसे कम उम्र के फेलो और ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज के फेलो चुने जाने वाले पहले भारतीय थे। देवीय प्रतिभा के श्रीनिवासन रामानुजम का स्वर्गवास अत्यंत अलप आयु में टीबी रोग के कारण 26 अप्रैल 1920 में हो गया था। भारत सरकार ने 26 फरवरी 2012 को अधिसूचना के अनुसार रामानुजन के जन्म तिथि 22 दिसंबर को राष्ट्रीय गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है।
सारंगपानी सन्निधि स्ट्रीट के साधारण से आवास में प्रवेश करते ही बायीं तरफ एक शयन कक्ष है जिसमे एक पुराना सा लकड़ी का पलंग है तथा बाहर गली की तरफ एक खिड़की है जिसके बारे में कहा जाता है की रामानुजन घंटो पलंग पर बैठे खिड़की में झांकते रहते और गणित के प्रमेयो के बारे में विचार करते रहते थे। आवास के मध्य क्षेत्र में सभी प्रकार के धार्मिक एवं सामजिक कार्य होते थे। वर्तमान में रामानुजन की एक प्रतिमा तथा उनके जीवन से सम्बंधित फोटोग्राफ्स एवं दस्तावेजी को प्रदर्शित किया गया है। पीछे की तरफ एक पूजा कक्ष तथा उससे लगती हुई रसोई है जिसमे पुराना पत्थर का सिल बट्टा रखा हुवा है। पीछे खुले आँगन में एक कुआ तथा शौचालय स्थित है। आवास में पीछे भी एक दरवाजा है जो पीछे गली में खुलता है। वर्तमान में श्रीनिवासन रामानुजम अयंगर का पैतृक आवास निशुल्क म्यूजियम के रूप में संचालित हो रहा है।
"An equation has no meaning for me unless it expresses a thought of God"
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